साबुत दुख, निगलने को काफी होता है। एक कमरा और अपन | हिंदी शायरी

"साबुत दुख, निगलने को काफी होता है। एक कमरा और अपना आप!! ©NIDHI SINGH SONAM"

 साबुत दुख, निगलने को 
काफी होता है।
एक कमरा और
अपना आप!!

©NIDHI SINGH SONAM

साबुत दुख, निगलने को काफी होता है। एक कमरा और अपना आप!! ©NIDHI SINGH SONAM

#MoonShayari

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