shivi voice

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#kuchh_ankaha  White सच्चा प्रेम वो 
जो आपको पंख दे
समाज का डंक नही

©shivi voice
#Prem❤  White जिंदगी के आखिरी मोड़ पर जब कोई पूछेगा 
ताउम्र तुमने क्या किया? 
मैं कहूंगी, 
   ' प्रेम '
राधा से
कृष्ण से
किताबों से 
कविताओं से 
खामोसी से
एकांत से
किनारों से
सब्र से, इंतेजार से
दिल भींच कर कहा  ............ इक सख्श  से
 इस बात से कि मैंने नफरत न की किसी से 
ऐसा भी नही था मुझे नफरत न हुई किसी से 
                      ......... शिवी

©shivi voice

#Prem❤

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White मीत - चैतुआ भरी दुपहरी खेत खेत में गेहूं चुनते सुख सुहाग के जोड़े उनके अपने कफन रोज ही बुनते ठियों , ठिकानो अड्डों पर जन ठुके हुए ज्यों खूंटी - खीलें पारे जैसे ताप शीत से गुजर गए इतिहास उतर - चढ़ उत्तर से लेकर दक्खिन तक अमर किलें हों या असीरगढ़ भूख प्यास ने यादगार में ताजमहल सी गढ़ी दलीलें ©shivi voice

#alone_sad_shayri  White मीत - चैतुआ भरी दुपहरी
खेत खेत में गेहूं चुनते
सुख सुहाग के जोड़े उनके 
अपने कफन रोज ही बुनते
ठियों  , ठिकानो अड्डों पर जन 
ठुके  हुए  ज्यों  खूंटी - खीलें

पारे जैसे ताप शीत से 
गुजर गए इतिहास उतर - चढ़ 
उत्तर से लेकर दक्खिन तक
अमर किलें हों या असीरगढ़
भूख प्यास ने यादगार में 
ताजमहल सी गढ़ी दलीलें

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White Maturity is when you realise that loneliness can fix you when you feel low ©shivi voice

#Loneliness #Quotes  White Maturity is 
when you realise that 
loneliness can fix you 
when you feel low

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#Loneliness

14 Love

#introvertdiaries #SAD  White इक लड़की खोई - खोई सी 
कभी शिकायत नही करती है
लगभग मुस्करा कर मिलती है हर किसी से 
लेकिन   , कभी  खुश नही रहती है 
बहुत मुश्किल है उसके लिए ये कहना की उसे साथ की जरूरत है
अपनापन तो रखती है सबसे, लेकिन भरोसा नही करती है
क्या हो, गर उसकी आँखो का समंदर उमड़ जाए तो
दिल की उदासी टुकड़ों में बिखर जाए तो
रो कर सुकून पाने में कई दिन गुजर जायेंगे
उम्मीदें , रिश्ते   रिवाज तिलमिलाकर मर जायेंगे
अंतर्मुखी का किरदार ओढ़े, हर बात अंतर्मन में लिए घूमती है
खोई - खोई सी वो लड़की, खोई - खोई ही रहती है
         .............. शिवी

©shivi voice
#ik_pyar_ka_nagma_hai  White अनुच्छेद लिखूँ या बनू कवि दम लगता है बाबू जी
उसकी उपमा में लेख लिखूँ दिन रात मगर 
हर शब्द उसपर आ करके, थोड़ा कम लगता है बाबू जी 

वो बात करे तो जन्नत है, जो करे मेरी तो मन्नत है
उसकी खुशियाँ मेरी बरकत  जो थाम ले दामन किस्मत है
हो धूप की गर्दिश, लू की बारिस 
 संग  उसके हर मौसम सबनम लगता है बाबू जी

वो नजर मिलाकर नजर हटा ले  , घबराकर एक ओर हटे
बात कंही जो मेरी हो , शर्माकर खुद में सिमटे
मुस्कान  उसकी आयुर्वेद सी है 
दुनिया भर के दर्द में भी मरहम लगता है बाबू जी

वो शांत सरल जैसे हों कमल , मर्यादित जैसे राम नकल
इत्र सी घुलती बातें उसकी, जैसे धरती पर बूंदों का संबल
 बहुत मुश्किल से चुना है उसको दुनिया देखकर
मेरे दिल को किसी के भा जाने में वक़्त लगता है बाबू जी
.................... शिवी

©shivi voice
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