हार का जो भय है मन में, उसको दूर भगाना है। सपनों क | हिंदी कविता

"हार का जो भय है मन में, उसको दूर भगाना है। सपनों की अभिलाषा है जो, उस पर ध्यान लगाना है। ©Chaudhary Manish"

 हार का जो भय है मन में, उसको दूर भगाना है।
सपनों की अभिलाषा है जो, उस पर ध्यान लगाना है।

©Chaudhary Manish

हार का जो भय है मन में, उसको दूर भगाना है। सपनों की अभिलाषा है जो, उस पर ध्यान लगाना है। ©Chaudhary Manish

#मोटिवेशनल #motivatedthoughts

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