भागवत गीता 🙏🏻 (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिका | हिंदी Quotes Video

"भागवत गीता 🙏🏻 (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ भावार्थ: तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, उसके फलों में कभी नहीं। इसलिए तुम कर्मों के फल की चिंता मत करो, और न ही निष्क्रियता की ओर प्रवृत्त हो। यह श्लोक हमें बिना फल की चिंता किए अपने कर्तव्यों का पालन करने का संदेश देता है। ©writer_Suraj Pandit "

भागवत गीता 🙏🏻 (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ भावार्थ: तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, उसके फलों में कभी नहीं। इसलिए तुम कर्मों के फल की चिंता मत करो, और न ही निष्क्रियता की ओर प्रवृत्त हो। यह श्लोक हमें बिना फल की चिंता किए अपने कर्तव्यों का पालन करने का संदेश देता है। ©writer_Suraj Pandit

भागवत गीता 🙏🏻❣️🌺🌸
श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 47)
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥
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