ये कैसी इबारत है, इसे किसने बनाया है सीख तो लिए, म | हिंदी Shayari

"ये कैसी इबारत है, इसे किसने बनाया है सीख तो लिए, मगर सिखाना नही आया नाराजगी उनकी, हाल-ए-दिल हमारा सुन तो लिए, मगर सुनाना नही आया खुदी में उलझे रहे, खुद ही को गले लगा के गर्दिश में डूबे, जब तक किनारा नही आया इबारत- बोली खुदी- घमंड गर्दिश- आवारापन ©Mahima Yadav.."

 ये कैसी इबारत है, इसे किसने बनाया है
सीख तो लिए, मगर सिखाना नही आया

नाराजगी उनकी, हाल-ए-दिल हमारा
सुन तो लिए, मगर सुनाना नही आया

खुदी में उलझे रहे, खुद ही को गले लगा के
गर्दिश में डूबे, जब तक किनारा नही आया

इबारत- बोली
 खुदी- घमंड
गर्दिश- आवारापन

©Mahima Yadav..

ये कैसी इबारत है, इसे किसने बनाया है सीख तो लिए, मगर सिखाना नही आया नाराजगी उनकी, हाल-ए-दिल हमारा सुन तो लिए, मगर सुनाना नही आया खुदी में उलझे रहे, खुद ही को गले लगा के गर्दिश में डूबे, जब तक किनारा नही आया इबारत- बोली खुदी- घमंड गर्दिश- आवारापन ©Mahima Yadav..

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