किट्टू की कलम से ✍️✍️
सुनो कुछ कहूं??
कभी दिल से पुकारना,
अपने ही करीब पाओगे,,
मेरा वजूद नहीं है कोई,
पर खुद के वजूद में मुझे पाओगे,,
मैं कोई एहसास नहीं ,
पर खुद के एहसासों में मुझे पाओगे,,
मेरी जिंदगी मेरी नहीं ,
तो मुझसे पहले मौत भी कैसे पाओगे,,
मैं एक मुसाफ़िर हूं क्या पता नहीं तुम्हें,
तो फिर कैसे राहें अपनी जुदा कर पाओगे,,
मैं वो एक ओस का टुकड़ा हूं ,
सुनो! जिसे कभी सहेज न पाओगे,,
हां ! मैं तुम में बस चुकी हूं ,
बताओ क्या मुझे जुदा कर पाओगे,,
( तेरे लिए ❤️❤️ कलेक्शन से 😊 )
## kittu 🔥
1/3/2024
©kirti tyagi
## तेरे लिए ❤️