White पल्लव की डायरी
मतदान हक सियासतों ने हड़प लिया
फूट समाज और परिवारों में डाली है
बेहतर विकल्प चुनने को बचा नही है
सब ने देश के खजाने पर नजर डाली है
साथ अरब का चन्दा पाकर
ईमानदारी और भ्र्ष्टाचार से लड़ने की
कैसी रार ठानी है
पांच किलो अनाज कुछ सम्मान निधि देकर
वोटो की फसल हर सियासत ने काटी है
ना ढंग से व्यापार करने देते
नॉकरिया सूली पर चढ़ा दी है
मजहब और जाति की अफीम चटा दी
बेहोशी में जनता सारी है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#election_2024 मतदान का हक सियासतों ने हड़प लिया
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