दोहा :- जीवन में किस बात का , कहिए है अभिमान । मृत | हिंदी कविता

"दोहा :- जीवन में किस बात का , कहिए है अभिमान । मृत्यु बाद सब चाहते , दो गज भू का दान ।। जीवन में संघर्ष ही , देता हरदम काम । एक समय के बाद में , दे सुंदर परिणाम ।। परम-पिता से मेल का, कष्ट बनाये योग । बाद मृत्यु के आप भी , करते इसका भोग ।। जीवन के संताप को ,  एक परीक्षा जान । करते जाओ पार सब , पाओगे सम्मान ।। मीठे होंगे फल सभी , पहले कर संतोष । यूँ ही अपने भाग्य को , नहीं आप दें दोष ।। करता जो संघर्ष है , मन में अपने ठान । पाता है वह एक दिन , जग में सुन सम्मान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR"

 दोहा :-
जीवन में किस बात का , कहिए है अभिमान ।
मृत्यु बाद सब चाहते , दो गज भू का दान ।।

जीवन में संघर्ष ही , देता हरदम काम ।
एक समय के बाद में , दे सुंदर परिणाम ।।

परम-पिता से मेल का, कष्ट बनाये योग ।
बाद मृत्यु के आप भी , करते इसका भोग ।।

जीवन के संताप को ,  एक परीक्षा जान ।
करते जाओ पार सब , पाओगे सम्मान ।।

मीठे होंगे फल सभी , पहले कर संतोष ।
यूँ ही अपने भाग्य को , नहीं आप दें दोष ।।

करता जो संघर्ष है , मन में अपने ठान ।
पाता है वह एक दिन , जग में सुन सम्मान ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- जीवन में किस बात का , कहिए है अभिमान । मृत्यु बाद सब चाहते , दो गज भू का दान ।। जीवन में संघर्ष ही , देता हरदम काम । एक समय के बाद में , दे सुंदर परिणाम ।। परम-पिता से मेल का, कष्ट बनाये योग । बाद मृत्यु के आप भी , करते इसका भोग ।। जीवन के संताप को ,  एक परीक्षा जान । करते जाओ पार सब , पाओगे सम्मान ।। मीठे होंगे फल सभी , पहले कर संतोष । यूँ ही अपने भाग्य को , नहीं आप दें दोष ।। करता जो संघर्ष है , मन में अपने ठान । पाता है वह एक दिन , जग में सुन सम्मान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :-
जीवन में किस बात का , कहिए है अभिमान ।
मृत्यु बाद सब चाहते , दो गज भू का दान ।।

जीवन में संघर्ष ही , देता हरदम काम ।
एक समय के बाद में , दे सुंदर परिणाम ।।

परम-पिता से मेल का, कष्ट बनाये योग ।

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