मौसम-ए-बारिश की अब ज़रूरत नहीं, मेरे शहर को या | हिंदी Video

" मौसम-ए-बारिश की अब ज़रूरत नहीं, मेरे शहर को या रब अब तेरी रहमतों में भीग़ जाने के लिये “माह-ए-रमज़ान” की बरक़तें ही काफ़ी है। रमजान मुबारक ©Aayankhan "

मौसम-ए-बारिश की अब ज़रूरत नहीं, मेरे शहर को या रब अब तेरी रहमतों में भीग़ जाने के लिये “माह-ए-रमज़ान” की बरक़तें ही काफ़ी है। रमजान मुबारक ©Aayankhan

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