हे ईश्वर साँप साँप ही रहा उसने धरा नहीं कोई और र | हिंदी कविता Video

"हे ईश्वर साँप साँप ही रहा उसने धरा नहीं कोई और रूप-रंग बदला नहीं अपना स्वभाव लेकिन मेरे प्रभु अपने सर्वोत्तम कृति मानव के लिए यही बात तुम कह सकते हो ©Rabindra Prasad Sinha "

हे ईश्वर साँप साँप ही रहा उसने धरा नहीं कोई और रूप-रंग बदला नहीं अपना स्वभाव लेकिन मेरे प्रभु अपने सर्वोत्तम कृति मानव के लिए यही बात तुम कह सकते हो ©Rabindra Prasad Sinha

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