White समय की दौड़ धूप"
इतनी बढ़ गई है "समय की दौड़ धूप" कि ,
आदमी का अपने लिए ज़रा भी समय नहीं बचता।
नींद से उठकर भागो, बच्चों की स्कूल बस के
लिए, जल्दबाजी में कभी पीठ पे ही रह जाता है बस्ता।
प्यार पर बंद चढ़ा और दिल को मंजिलें मिल गईं,
बात सच है शादी का लड्डू, इतना भी नहीं है सस्ता।
बड़े बुजुर्ग नहीं होने से घर में आती हैं मुश्किलें,
नई-नई है जिंदगी संभल जाएगी, आहिस्ता आहिस्ता।
©Anuj Ray
# समय की दौड़ धूप "