होलिका गर अग्नि रोधी कपड़ों( Fire proof clothes पहनने की जगह , अहम रोधी भाव ( Ego proof passion) जगा लेती , धर्म – अधर्म के तराजू पर अपने भतीजे प्रहलाद की भक्ति को तोल लेती , करुणा – ममत्व अपना लेती तो इतिहास होलिका दहन नहीं बल्कि होलिका गान कर रहा होता …… जब जब भी बुराई ने अच्छाई को कुचलना चाहा, उनके पतले ही जले हैं .. होली और दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है ,धर्म और सत्य की जीत है !
©Rajni Vijay singla
#Holi # होलिका अगर ..