न ऐसा समझते हैं,न वैसा समझते हैं, पता नहीं बच्चे | हिंदी Life Video

" न ऐसा समझते हैं,न वैसा समझते हैं, पता नहीं बच्चे,अब कैसा समझते हैं । करते आवारगी,भूल जाते सब कुछ, फूल को अब,पत्थर जैसा समझते हैं । आज की पीढ़ी की सोच भी अदभुत, बाप को पैसा,सिर्फ पैसा समझते हैं । साकार को सबने,निराकार बना दिया, खुद ही हैं खुदा,लोग ऐसा समझते हैं । ©ANIL KUMAR,) "

न ऐसा समझते हैं,न वैसा समझते हैं, पता नहीं बच्चे,अब कैसा समझते हैं । करते आवारगी,भूल जाते सब कुछ, फूल को अब,पत्थर जैसा समझते हैं । आज की पीढ़ी की सोच भी अदभुत, बाप को पैसा,सिर्फ पैसा समझते हैं । साकार को सबने,निराकार बना दिया, खुद ही हैं खुदा,लोग ऐसा समझते हैं । ©ANIL KUMAR,)

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