वो अब मुझे ,
मेरे ही हमसाये से डरा रहा है।
आग।।।।।।
आग, लगा कर बस्ती में, खुद ही चिल्ला रहा है।
ख़बर सब को है यहां, मेरे क़त्ल की।
ख़बर सब को है यहां, मेरे क़त्ल की।
वो इस क़त्ल को, हादसा बता रहा है।
वो इस क़त्ल को, हादसा बता रहा है।
वो अब मुझे ,
मेरे ही हमसाये से डरा रहा है।
फ़रियाद भी करें तो , किससे करे।।
फ़रियाद भी करें तो , किससे करे।।
वो खुद नया नया कानून बना रहा है ।
वो खुद नया नया कानून बना रहा है ।
वो अब मुझे ,
मेरे ही हमसाये से डरा रहा है।
©Niaz (Harf)
वो अब मुझे ,
मेरे ही हमसाये से डरा रहा है।
आग।।।।।।
आग, लगा कर बस्ती में, खुद ही चिल्ला रहा है।
ख़बर सब को है यहां, मेरे क़त्ल की।
ख़बर सब को है यहां, मेरे क़त्ल की।
वो इस क़त्ल को, हादसा बता रहा है।
वो इस क़त्ल को, हादसा बता रहा है।