खूब लड़तें हैं,खूब झगड़ते भी हैं
लेकिन फिर सें एक हो जाते है।
बचपन का प्यार ऐसा ही होता हैं।
लेकिन बड़े होने पर ऐसा क्यों नहीं होता हैं
दरार ही बढ़ता जाता हैं
क्यों नहीं कोई भाता हैं
या दिमाग ज्यादा हो जाता हैं
या इन्सान भूल जाता हैं
कि फिर मौत के पास जाना हैं
फिर से तन्हा हों जाना हैं
तो बचपन ही अच्छा हैं।।
©Pramod Singh Pal
बचपन