ख़ुशियों का संसार है औरत,
डूबती ज़िन्दगी की नैया की पतवार है..!
जीवन का संचार है औरत,
ईश्वर का अवतार है औरत..!
ग़म की ग्रीष्म ग्रीष्म ऋतु में,
सुहानी ठण्डी बहार है औरत..!
सुख का आधार है औरत,
जीवन का पुरस्कार है औरत..!
सुविचार का सार है औरत,
जीवन की पालनहार है औरत..!
कभी मित्र इस्ट घनिष्ट है औरत,
असभ्य वातावरण में शिष्ट है औरत..!
©SHIVA KANT(Shayar)
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