तेरे इश्क़ नचाया कर के थैया थैया
छेती आवीं वे तबीबा, नई तां मैं मर गइयां
तेरे इश्क़ ने डेरा मेरे दिल इच कीता
भर के ज़हर प्याला मैं तां आपे पीता
मेरे कामिल मुर्शिद, हुन मैं पार लगइयां
छुप गया वे सूरज, बाहर रह गयी लाली
वे मैं सदके होवां, देवे मुर्जे वे खाली
पीरा मैं भुल गइयां, तेरे नाल न गइयां
ऐस इश्क़ दे झंगी विच मोर बुलेंदा
सान्नु क़िबले ते क़ाबे सोहना यार दिसेंदा
सान्नु घायल कर के फेर खबर न लईयां
बुल्लेशाह नू सद्दो शाह इनायत दे बूहे
जिसने सान्नु पुवाये छोले सावे ते सूहे
जां मैं मारी है अड्डी, मिल पया वहैया
बुल्ले शाह
©aditi the writer
#बाबा बुल्ले शाह @R Jain @Niaz (Harf) @shraddha.meera आगाज़