तेरा दीदार जरूरी है, आगाज़-ऐ-प्यार के लिए ।। तेरा स | हिंदी Poetry

"तेरा दीदार जरूरी है, आगाज़-ऐ-प्यार के लिए ।। तेरा साथ भी जरूरी हैं, इश्क़ बरकरार के लिए ।। घुटनों में बैठकर गुलाब देने के दिन गए जानेमन। मेरी झुकी निगाहें ही काफी है इज़हार के लिए ।"

 तेरा दीदार जरूरी है, आगाज़-ऐ-प्यार के लिए ।।
तेरा साथ भी जरूरी हैं, इश्क़ बरकरार के लिए ।।
घुटनों में बैठकर गुलाब देने के दिन गए जानेमन।
मेरी झुकी निगाहें ही काफी है इज़हार के लिए ।

तेरा दीदार जरूरी है, आगाज़-ऐ-प्यार के लिए ।। तेरा साथ भी जरूरी हैं, इश्क़ बरकरार के लिए ।। घुटनों में बैठकर गुलाब देने के दिन गए जानेमन। मेरी झुकी निगाहें ही काफी है इज़हार के लिए ।

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