असूल -ए-जिंदगी अजीब है ,
तोहमते लगाते जो कांदा देने वाले होंगे
बात करने से कतराते जो
यादों में बुलाने वाले होंगे!!
चार पल की जिंदगी
अनजान शहर ,अनजान मकान
ढोलत मोहब्बत पर लड़ते जो
मिट्टी में दफनाने वाले होंगे !!
अपने गैर के खेल में रिश्ते
बनाते बिगाड़ते जो
सब अतीत के शाक़ होंगे !!
अमीर गरीब संत दानव कोई भी हो
मौत किसका पता पूछती है
सब एक दिन राख होंगे !!
इतना गरूर न कर कमजर्फ़ जवानी पर मियां
तेरे साथ -साथ
,बूढ़े तेरे हालात होंगे !!
- शायराना हिमानी
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#Hopeless