White शीर्षक -मौसम
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मौसम ही तो हम कहते हैं। हां जवानी गुज़र जाती हैं। मौसम में नादानियां अच्छी होती हैं। आओ तुम हमें भी गले लगा कर, जिंदगी में मौसम का मंथन करते हैं। सागर का स्वाद अब हम भी लेते हैं। बस एक वादा हम तुम दोस्त बन जाते हैं। मौसम और राह सच यह शब्द दिल की धड़कन हैं। तुम सच समझो या झूठ नहीं जानते हैं। एक सच कहते है।
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Neeraj Kumar Agarwal chandausi u.p
©Neeraj Agarwal
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