(दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है ।) त | हिंदी शायरी Video

"(दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है ।) तुम जिस दर्द की बात करते हो वो दर्द और कोई भी झेल रहा है । तुम रो के सुना रहे हो कोई और तो चुपचाप इस से खेल रहा है कहीँ आँखें मौन हैं कहीँ आँखें नम हैं । दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । किसी के पास रोने के लिए कंधे नहीँ हैं किसी के पास काम धंधे नहीँ हैं । किसी के पास बड़ा घर है तो घर में बंदे नहीँ है । किसी के पास खुला आसमान लेकिन उड़ने के लिए परिंदे नहीँ है । किसी के पास शरीर बड़ा लेकिन अंदर नहीँ दम है । दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । किसी के पास रोजगार नहीँ डिग्रियां लिए घूम रहा है किसी के दिल में क़रार नहीँ मयखानों में झूम रहा है । किसी के पास महबूब नहीँ तस्वीर चुम रहा है । बताओ मुझे किस के दिल को सुकूँ रहा है । किसी के पास सुंदर आँगन लेकिन हसीना के पैरों की नहीँ छम-छम है । दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । किसी का भरी जवानी में ही सुहाग उजड़ गया । किसी का बेटा बिगड़ गया । किसी को उसका यार रगड़ गया । कहीँ बेटा बाप से ही अकड़ गया । कहीँ पीने को दवा की शीशी नहीँ कहीँ wine whisky रम है दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । कहीं सड़क पे कोई सर्दी में रात गुज़ार रहा है । चौराहे ओर बैठा भिखारी अपनी उंगलियों से अपने बाल सँवार रहा है । कोई तन्हा है समंदर की रेत पे नाम अपना उभार रहा है । कर्ज़ किसी का था कोई उसको उतार रहा है । बच्चा बाहर अकेला जेल में बंद उसकी माँ शबनम है दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । #mahendra2king ©https://youtube.com/@Mahendra2king?si=W94X-gFeeMLs1EfR "

(दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है ।) तुम जिस दर्द की बात करते हो वो दर्द और कोई भी झेल रहा है । तुम रो के सुना रहे हो कोई और तो चुपचाप इस से खेल रहा है कहीँ आँखें मौन हैं कहीँ आँखें नम हैं । दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । किसी के पास रोने के लिए कंधे नहीँ हैं किसी के पास काम धंधे नहीँ हैं । किसी के पास बड़ा घर है तो घर में बंदे नहीँ है । किसी के पास खुला आसमान लेकिन उड़ने के लिए परिंदे नहीँ है । किसी के पास शरीर बड़ा लेकिन अंदर नहीँ दम है । दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । किसी के पास रोजगार नहीँ डिग्रियां लिए घूम रहा है किसी के दिल में क़रार नहीँ मयखानों में झूम रहा है । किसी के पास महबूब नहीँ तस्वीर चुम रहा है । बताओ मुझे किस के दिल को सुकूँ रहा है । किसी के पास सुंदर आँगन लेकिन हसीना के पैरों की नहीँ छम-छम है । दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । किसी का भरी जवानी में ही सुहाग उजड़ गया । किसी का बेटा बिगड़ गया । किसी को उसका यार रगड़ गया । कहीँ बेटा बाप से ही अकड़ गया । कहीँ पीने को दवा की शीशी नहीँ कहीँ wine whisky रम है दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । कहीं सड़क पे कोई सर्दी में रात गुज़ार रहा है । चौराहे ओर बैठा भिखारी अपनी उंगलियों से अपने बाल सँवार रहा है । कोई तन्हा है समंदर की रेत पे नाम अपना उभार रहा है । कर्ज़ किसी का था कोई उसको उतार रहा है । बच्चा बाहर अकेला जेल में बंद उसकी माँ शबनम है दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है । #mahendra2king ©https://youtube.com/@Mahendra2king?si=W94X-gFeeMLs1EfR

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