वो सावन की फुहार
वो सुहावना मौसम
याद आता है,
अपनी बिटिया को देखकर
मुझे बचपन याद आता है।
भागती दौड़ती दुनिया में
सब चले गये
हाथ छुड़ाकर,
वो जब पकड़ती है
उँगलियाँ मेरी
अपने नन्हे हाथों से
तो कल का अपनापन
याद आता है।
बिटिया नहीं आयी
केवल मेरे घर
बेशुमार खुशियाँ भी आयी हैं ,
पर जब देखता हूँ
पंक्तियाँ अतीत की
तो फिर वो मायूसी ,
अकेलापन याद आता है।
🙏🙏
©दिनेश गुप्ता
#Childhood बिटिया और बचपन