मन में छुपा है प्यार"
मन में छुपा है प्यार हमारे ,सागर से भी गहरा,
लाड़ प्यार अरमानों का ,बोझ है उससे गहरा ।
कहने को तो गद्दारी, हम भी कर ही सकते हैं,
पर लाज़ शर्मा मर्यादा का, बस लगा रखा है पहरा।
प्रेम पखेरु बन कर के,मन हमरा भी उड़ना चाहे,
लेकिन सोच नहीं पाते , कालिख लगे पिता के चेहरा।
©Anuj Ray
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