अभी इस तरफ़ न निगाह कर मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लू | हिंदी Life

"अभी इस तरफ़ न निगाह कर मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ, मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना तुझे आईने में उतार लूँ। ©live fit motivation by adarsh rawat"

 अभी इस तरफ़ न निगाह कर
मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ,
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना
तुझे आईने में उतार लूँ।

©live fit motivation by adarsh rawat

अभी इस तरफ़ न निगाह कर मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ, मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना तुझे आईने में उतार लूँ। ©live fit motivation by adarsh rawat

अभी इस तरफ़ न निगाह कर
मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ,
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना
तुझे आईने में उतार लूँ।

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