मेरी फ़िक्र मे अभी असर और बाकी है l मैं जानता हूं | हिंदी शायरी
"मेरी फ़िक्र मे अभी असर और बाकी है l
मैं जानता हूं मोहब्बत है तुम्हें मुझ से
मगर इसमें कसर और बाकी है l
और अभी तो तुम संग मेरे इश्क़ के करवा पे निकली हो
अभी तो सफर और बाकी है l"
मेरी फ़िक्र मे अभी असर और बाकी है l
मैं जानता हूं मोहब्बत है तुम्हें मुझ से
मगर इसमें कसर और बाकी है l
और अभी तो तुम संग मेरे इश्क़ के करवा पे निकली हो
अभी तो सफर और बाकी है l