स्वर्ग से एक बच्चा धरती की ओर चला। गरीब मां के आं

"स्वर्ग से एक बच्चा धरती की ओर चला। गरीब मां के आंचल में आ गिरा। पर एक गरीब मां का आंचल इतना कमजोर हो चुका था चूल्हे पर भोजन पकाने की तेज आंच से माथे पर जमें पसीने की बूंदों को पोछता हुआ। कि नहीं सह सका उसके जीवन का भार। बच्चा जा गिरा दूसरी मां के गोद में। धरती मां के गोद में। वह गरीब मां अब भी अपने बच्चे को,खुद के द्वारा भर मुठ्ठी लिए उन मिट्टी के कणों में पागलों सी ढूंढ रही है। पर चलता फिरता मिट्टी, मिट्टी में मिलकर मिट्टी हो चुका है। चूल्हे की गर्म आंच को सहने वाली मां और धूएं के कारण धूंधली हो पड़ी रोशनी से लड़ने वाली मां गरीबी की आंच नहीं सह पाई। अपने आंखों की बची चंद रोशनी लिए अपने बच्चे के बचपन को ना देख पाई। एक मां ने स्वर्ग से मिला एक सुंदर उपहार खो दिया। -पीयूष चतुर्वेदी"

 स्वर्ग से एक बच्चा धरती की ओर चला। 
गरीब मां के आंचल में आ गिरा। 
पर एक गरीब मां का आंचल इतना कमजोर हो चुका था चूल्हे पर भोजन पकाने की तेज आंच से माथे पर जमें पसीने की बूंदों को पोछता हुआ। 
कि नहीं सह सका उसके जीवन का भार। 
बच्चा जा गिरा दूसरी मां के गोद में। 
धरती मां के गोद में। 
वह गरीब मां अब भी अपने बच्चे को,खुद के द्वारा भर मुठ्ठी लिए उन मिट्टी के कणों में पागलों सी ढूंढ रही है।
पर चलता फिरता मिट्टी, मिट्टी में मिलकर मिट्टी हो चुका है।
चूल्हे की गर्म आंच को सहने वाली मां और धूएं के कारण धूंधली हो पड़ी रोशनी से लड़ने वाली मां गरीबी की आंच नहीं सह पाई। 
अपने आंखों की बची चंद रोशनी लिए अपने बच्चे के बचपन को ना देख पाई। 
एक मां ने स्वर्ग से मिला एक सुंदर उपहार खो दिया। 
-पीयूष चतुर्वेदी

स्वर्ग से एक बच्चा धरती की ओर चला। गरीब मां के आंचल में आ गिरा। पर एक गरीब मां का आंचल इतना कमजोर हो चुका था चूल्हे पर भोजन पकाने की तेज आंच से माथे पर जमें पसीने की बूंदों को पोछता हुआ। कि नहीं सह सका उसके जीवन का भार। बच्चा जा गिरा दूसरी मां के गोद में। धरती मां के गोद में। वह गरीब मां अब भी अपने बच्चे को,खुद के द्वारा भर मुठ्ठी लिए उन मिट्टी के कणों में पागलों सी ढूंढ रही है। पर चलता फिरता मिट्टी, मिट्टी में मिलकर मिट्टी हो चुका है। चूल्हे की गर्म आंच को सहने वाली मां और धूएं के कारण धूंधली हो पड़ी रोशनी से लड़ने वाली मां गरीबी की आंच नहीं सह पाई। अपने आंखों की बची चंद रोशनी लिए अपने बच्चे के बचपन को ना देख पाई। एक मां ने स्वर्ग से मिला एक सुंदर उपहार खो दिया। -पीयूष चतुर्वेदी

#माँ

People who shared love close

More like this

Trending Topic