चूम लेता और सूंघ लेता दिलवर तुम्हें
तुम कोई खिले फूल बाग़ ए गुलाब होती।
दिल से तुम्हें लगाता और उतार लेता जहां
दिल से सचमुच नूरी गुल शबाब में होती।
लोग जानते है कि मैं कोई शराबी नहीं
यूं पी लेता दिल से मयकश शराब होती।
के एल महोबिया
©K L MAHOBIA
#दिल से