क्या ये बात इतिहास में लिखी जाएगी? - Lockdown में

"क्या ये बात इतिहास में लिखी जाएगी? - Lockdown में बड़े लालाओं ने अपना सारा माल महँगा करके बेचा, छोटी दुकान वालो ने भी दाल महँगी करके बेची, सब्जी वालो ने सब्जी महँगी करके बेची, दारू वालो ने दारू महँगी करके बेची, सबने मजबूरी का फायदा उठाया।।।। सिर्फ किसान ही ऐसा था जिसने अपना गेहूं, पिछले साल वाली कीमत में ही बेचा, किसान को अब तक भी किसी की मजबूरी का फायदा उठाना नही आया है, जब व्यापारी 70 पैसे की चीज़ 10₹ में बेच रहे थे तब ये देशप्रेमी, देश का इकलौता बेटा अपनी फसल में से देश को दान कर रहा था ताकि देश चलता रहे।। वाह रे किसान, इस देश का बस तू ही मान।। #सैलूट_है_तुझे_मेरे_किसान"

 क्या ये बात इतिहास में लिखी जाएगी?
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Lockdown में बड़े लालाओं ने अपना सारा माल महँगा करके बेचा,

छोटी दुकान वालो ने भी दाल महँगी करके बेची,

सब्जी वालो ने सब्जी महँगी करके बेची,

दारू वालो ने दारू महँगी करके बेची,

सबने मजबूरी का फायदा उठाया।।।।

सिर्फ किसान ही ऐसा था जिसने अपना गेहूं, पिछले साल वाली कीमत में ही बेचा, किसान को अब तक भी किसी की मजबूरी का फायदा उठाना नही आया है, 
जब व्यापारी 70 पैसे की चीज़ 10₹ में बेच रहे थे तब ये देशप्रेमी, देश का इकलौता बेटा अपनी फसल में से देश को दान कर रहा था ताकि देश चलता रहे।।

वाह रे किसान, 
इस देश का बस तू ही मान।।

#सैलूट_है_तुझे_मेरे_किसान

क्या ये बात इतिहास में लिखी जाएगी? - Lockdown में बड़े लालाओं ने अपना सारा माल महँगा करके बेचा, छोटी दुकान वालो ने भी दाल महँगी करके बेची, सब्जी वालो ने सब्जी महँगी करके बेची, दारू वालो ने दारू महँगी करके बेची, सबने मजबूरी का फायदा उठाया।।।। सिर्फ किसान ही ऐसा था जिसने अपना गेहूं, पिछले साल वाली कीमत में ही बेचा, किसान को अब तक भी किसी की मजबूरी का फायदा उठाना नही आया है, जब व्यापारी 70 पैसे की चीज़ 10₹ में बेच रहे थे तब ये देशप्रेमी, देश का इकलौता बेटा अपनी फसल में से देश को दान कर रहा था ताकि देश चलता रहे।। वाह रे किसान, इस देश का बस तू ही मान।। #सैलूट_है_तुझे_मेरे_किसान

#वाह रे किसान

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