एक बचपन का ज़माना था जिसमें खुशियों का खजाना था च | हिंदी कविता

"एक बचपन का ज़माना था जिसमें खुशियों का खजाना था चाहत चांद को पाने की थी पर दिल तितली का दीवाना था खबर ना थी कुछ सुबह की ना श्याम का ठिकाना था थक कर आना स्कूल से पर खेलने भी जाना था बारिश में कागज़ कि नाव थी हर मौसम सुहाना था रोने की वजें ना थी ना हसने का बहाना था क्यों हो गए हम इतने बड़े इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था वो बचपन का जमाना भी सुहाना था....!!!"

 एक बचपन का ज़माना था
जिसमें खुशियों का खजाना था

चाहत चांद को पाने की थी
पर दिल तितली का दीवाना था

खबर ना थी कुछ सुबह की 
ना श्याम का ठिकाना था 

थक कर आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना था

बारिश में कागज़ कि नाव थी
हर मौसम सुहाना था

रोने की वजें ना थी
ना हसने का बहाना था

क्यों हो गए हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था

वो बचपन का जमाना भी 
सुहाना था....!!!

एक बचपन का ज़माना था जिसमें खुशियों का खजाना था चाहत चांद को पाने की थी पर दिल तितली का दीवाना था खबर ना थी कुछ सुबह की ना श्याम का ठिकाना था थक कर आना स्कूल से पर खेलने भी जाना था बारिश में कागज़ कि नाव थी हर मौसम सुहाना था रोने की वजें ना थी ना हसने का बहाना था क्यों हो गए हम इतने बड़े इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था वो बचपन का जमाना भी सुहाना था....!!!

@motivation india @Shubham jain Kriteeka Sah🖤 @Mahek Gupta

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