लाखों हृदय अर्पित मुझे थे.
ये था मेरा संक्षिप्त परिचय.।
एक तुम्ही को भा न पये.
मै कहूँ तो क्या कहूँ।
एक क्षण मिलना तुम्हारा.
हृदय मेरा तार देता.।
ना कर सकोगी कल्पना.
जो प्रेम को विस्तार देता.।
मैने चलना नहीं छोड़ा.
कही पर तो तुम मिलोगी.।
पर छिप गयीं तुम राह मे .
मै कहूँ तो क्या कहूँ.।