11 Nov 2021
कुछ लम्हें चुराए थे हमने, अपनी दोस्त के नाम पे
जो आज तक याद आते हैं
कुछ खुशियां कुछ आंसू इन्हीं यादों के साथ आते हैं
है कोशिश दोबारा मिलने की आपसे, पर
ये धड़कन ये सांसें, मिलने पर ये काम कहां आते हैं।
सुना है मर्ज़ का इलाज करती हो तुम
हमारा हाल ए दिल भी कुछ खास नहीं मोहतरमा
ये शब, और ये सुबह उन्ही यादों में बीत जाते हैं।
©Salman Khan
दास्तान ए दिल।