Alone कम्बक्त क्या ख्वाब थे मेरे , हुकूमत -ए-जहान | हिंदी Shayari

"Alone कम्बक्त क्या ख्वाब थे मेरे , हुकूमत -ए-जहान पाने के। पता चला सुकून नहीं मिलता ,आँखों में हुकूमत दारों के।। शिव गोस्वामी छतरपुर(mp)"

 Alone  कम्बक्त क्या ख्वाब थे मेरे , हुकूमत -ए-जहान पाने के।
       
 पता चला सुकून नहीं मिलता ,आँखों में हुकूमत दारों के।।

                                       


                                       शिव गोस्वामी
                                        छतरपुर(mp)

Alone कम्बक्त क्या ख्वाब थे मेरे , हुकूमत -ए-जहान पाने के। पता चला सुकून नहीं मिलता ,आँखों में हुकूमत दारों के।। शिव गोस्वामी छतरपुर(mp)

#merikalamse अधूरी बातें @RJ Gumnam @MONIKA SINGH @Rashmi Nayak @shruti pant

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