White 2122 2122 212
ख्वाब पलकों पे बिखरते जा रहे
अश्क आँखों में पिघलते जा रहे
बढ़ रही बैचेनियाँ दिल की मेरे
दर्द दिल ही दिल सुलगते जा रहे
लाख हरजाने मुहब्बत के भरे
हाथसे फिर भी फिसलते जा रहे
खो गया हूँ जुल्फ में तेरी कहीं
हद से चाहत में गुजरते जा रहे
साँसे साँसों में तेरी यूँ मिल गई
रूह में मेरी उतरते जा रहे
ना ये दिल काबू में ना ही होश है
तुझे पाकर हम निखरते जा रहे
( लक्ष्मण दावानी ✍ )
22/3/2017
©laxman dawani
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