यौवन तेरा, मधुवन तेरा
शहर तेरा, विचरण मेरा
एक ताज़ी फूल है बागों में
तोड़, ले आऊं, दे दूं तेरे हाथों में...
नदी का किनारा बसा तेरा मन है
तुम पेड की छाव, उसके नीचे मेरा तन है
मैं बहता पानी, तू चंचल मन है
मैं मिल जाऊं तुझ में , तू मेरा गंगा जल है
©Dev Rishi
#यौवन तेरा मधुवन तेरा.....