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जिंदगी की राह में इम्तिहान आए बहुत
हमने भी सारे गुर, हुनर आजमाए बहुत
तन्हाई तो सकून से गुजरती ही रही
भरी भीड़ में हम बारहा घबराए बहुत
साथ जिनके थे, गुजरे बरसों बरस
बाद जाने के फिर, वो याद आए बहुत
और किसी से क्या शिकायत करना
अपनो से ही जब धोखे खाय बहुत
आफताब के मिजाज इतने गर्म हैं आजकल
सुकून नहीं छाव में, तपते हैं साए बहुत
महफिल से उनकी उठ तो आए हैं
अब तन्हाई के साए हैं गहराए बहुत
टूटे ख्वाब, बिखरी बिसात, हारी बाजी
क्या करते,आंखो ने आंसू बरसाए बहुत
न जाने क्या बैर था बरसने से
बादल तो घने घने छाए बहुत प्रतिभा
©pratibha
#sunset_time #जिंदगी