अनायास ही रूक गया मैं कुछ लिखते लिखते, कि आज के जम | हिंदी Poetry Vide

"अनायास ही रूक गया मैं कुछ लिखते लिखते, कि आज के जमाने में खत पढ़ता कौन है? प्लास्टिक पर मुनहसिर इस दुनिया में, मिट्टी के घडे़ अब गढ़ता कौन है? ©Nitish Kumar Ranjan "

अनायास ही रूक गया मैं कुछ लिखते लिखते, कि आज के जमाने में खत पढ़ता कौन है? प्लास्टिक पर मुनहसिर इस दुनिया में, मिट्टी के घडे़ अब गढ़ता कौन है? ©Nitish Kumar Ranjan

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