कहानी हर दिल की "
प्यार करने की इजाज़त ,
मिली है जब से हुक्मरानों से।
महफ़िल में रौनकें सी आ गई है,
गली-गली में इश्क़ के परवानों से।
किसी-किसी के बसते हैं घर ,
और किसी के रोज टूट जाते हैं ।
कहानी हर दिल की" अब
तो रोज़ नए किस्से बन जाते हैं।
प्यार में जन्नत नसीब किसी को,
और किसी के दिल ही टूट जाते हैं।
ऐसे ही रोज़ बनते हैं बिगड़ते हैं
मोहब्बत के यही अफ़साने कहाते हैं।
©Anuj Ray
# कहानी हर दिल की "