कुछ दर्द नायब बाज़ारों में कहाँ मिलते हैं गम-ए-शिद् | हिंदी Shayari

"कुछ दर्द नायब बाज़ारों में कहाँ मिलते हैं गम-ए-शिद्दत से सिर्फ मोहब्बत में मिलते हैं शब-ए-मय जोड़ देती है दिल के टुकड़ों को दीवाने अक्सर मयखानों में मिलते हैं ।।meet।। ©Tushar Gupta"

 कुछ दर्द नायब बाज़ारों में कहाँ मिलते हैं
गम-ए-शिद्दत से सिर्फ मोहब्बत में मिलते हैं

शब-ए-मय जोड़ देती है दिल के टुकड़ों को
दीवाने अक्सर मयखानों में मिलते हैं

।।meet।।

©Tushar Gupta

कुछ दर्द नायब बाज़ारों में कहाँ मिलते हैं गम-ए-शिद्दत से सिर्फ मोहब्बत में मिलते हैं शब-ए-मय जोड़ देती है दिल के टुकड़ों को दीवाने अक्सर मयखानों में मिलते हैं ।।meet।। ©Tushar Gupta

#शराब #दीवाने #आशिक़

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