अनगिनत रंग दिखलाए इसने, कुछ सबक का पाठ पढ़ाया है। | हिंदी कविता Video

"अनगिनत रंग दिखलाए इसने, कुछ सबक का पाठ पढ़ाया है। बदलते हुए इस साल ने कुछ, यूं हमको हम ही से मिलाया है । कभी बरसीं मुस्कान हृदय से, अब आंखों से दरिया उतर रहा है। एक और दिसंबर गुज़र रहा है,... मुठ्ठी से रेत ज्यों फिसल रहा है । (२) ©Ritika Vijay Shrivastava "

अनगिनत रंग दिखलाए इसने, कुछ सबक का पाठ पढ़ाया है। बदलते हुए इस साल ने कुछ, यूं हमको हम ही से मिलाया है । कभी बरसीं मुस्कान हृदय से, अब आंखों से दरिया उतर रहा है। एक और दिसंबर गुज़र रहा है,... मुठ्ठी से रेत ज्यों फिसल रहा है । (२) ©Ritika Vijay Shrivastava

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