ज़िन्दगी एक पहेली है"
मंडवा तले बैठते ही मन , प्रीत
रंग ,रंग डाला,खेली हल्दी की होली है।
इसीलिए तो कहते हैं,मत खेलो
आंख मिचोली, ज़िन्दगी एक पहेली है।
हाथ हाथ में देते ही, ले लीं कसमें,
जनम जनम की, पिय की बनी सहेली है।
इसीलिए तो कहते हैं, मत खेलो
आंख मिचौली, ज़िन्दगी एक पहेली है।
मात-पिता का द्वार छोड़कर,
अनजाने संग ,महकी नई नवेली है।
इसीलिए तो कहते हैं, मत खेलो
आंख मिचौली ,ज़िन्दगी एक पहेली है।
©Anuj Ray
# ज़िन्दगी एक पहेली है"