दर्द, गम, डर जो भी हैं.... बस तेरे अंदर हैं... खुद | हिंदी विचार

"दर्द, गम, डर जो भी हैं.... बस तेरे अंदर हैं... खुद के बनाए पिंजरे से निकलकर देख ए दोस्त... तू भी एक #सिकंदर है..."

 दर्द, गम, डर जो भी हैं....
बस तेरे अंदर हैं...
खुद के बनाए पिंजरे से निकलकर देख ए दोस्त...
तू भी एक #सिकंदर है...

दर्द, गम, डर जो भी हैं.... बस तेरे अंदर हैं... खुद के बनाए पिंजरे से निकलकर देख ए दोस्त... तू भी एक #सिकंदर है...

#Tu_bhi_ek_sikandar hai

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