लोग जो कहते हैं कि देखो ये लड़की इतनी रात में घूम क | हिंदी कविता

"लोग जो कहते हैं कि देखो ये लड़की इतनी रात में घूम के आयी है.. इसके कपड़े तो देखो जैसे शर्म बेच खायी है,माँ बाप की इज़्ज़त का इसे कोई ध्यान नहीं है, ये तो गाली भी देती है भैया करती किसी का सम्मान नहीं है! लड़की - माना आप उम्र में मुझसे बड़े हैं, मुझसे ज्यादा तजुर्बा लिए खड़े हैं.. पर 2019 में आकर भी आपकी नियत खोटी है.. मेरे कपड़ो से ज्यादा शायद आपकी सोच छोटी है.. हाँ मैं देर रात भी घूमने जाती हूँ, मैं बेझिझक बोलती बताती हूँ.. हम अपने लिए सपने भी खुद देखते और राहें भी खुद चुनते हैं, देखिए कितनी गजब आजादी है मेरी जो आप जैसे लोग बिना आग के जलते और भूनते हैं, माना में देर रात तक जागती हूँ, पर किसी के कपड़ो से उसका चरित्र नहीं आंकती हूँ, कभी भी अपने परिवार के नहीं जाती खिलाफ हूँ, गलती करने वालो को अक्सर कर देती माफ हूँ, बात मेरी इज़्ज़त की हो तो खुलेआम लोगो की बदतमीज़ी को फाड़ती हूँ, मैं कितना भी घूमूं, कैसे कभी रहूँ,पर किसी का हक़ नहीं मारती हूँ, आप प्यार से बात कीजिये हम भी प्यार से पेश आएंग मैं मेहनत से चाहती पाना सब कुछ चापलूसी के तरीके मुझको नहीं आएंगे, आप स्वाभिमान गिरा कर देखिए मैं तरीके से उतारूंगी आपकी आरती, मैं आज की लड़की हूँ, आप एहसान कीजिये मैं एक बार को एहसान उतार दूँगी आपका, पर मैं उनमे से नहीं जो प्यार और दिल्लगी के नाम पर कपड़े रहूँ उतारती.. कपड़ो से चलता चरित्र का पता तौबा आप जैसा किसी को भरम न हो.. आज का जमाना जहाँ बस बदतमीज़ी होती लड़कियों के साथ मैं तो खुल के कहती हूँ खुद हमारी आंखों में प्यार हो पर शरम न हो.. बोल कर नहीं करते हम वादाखिलाफी हैं, अच्छे हैं बुरे हैं जैसे भी हैं हम खुद के लिए काफी हैं।।"

 लोग जो कहते हैं कि देखो ये लड़की इतनी रात में घूम के आयी है.. इसके कपड़े तो देखो जैसे शर्म बेच खायी है,माँ बाप की इज़्ज़त का इसे कोई ध्यान नहीं है, ये तो गाली भी देती है भैया करती किसी का सम्मान नहीं है!
लड़की -
माना आप उम्र में मुझसे बड़े हैं,
मुझसे ज्यादा तजुर्बा लिए खड़े हैं..
पर 2019 में आकर भी आपकी नियत खोटी है..
मेरे कपड़ो से ज्यादा शायद आपकी सोच छोटी  है..
हाँ मैं देर रात भी घूमने जाती हूँ,
मैं बेझिझक बोलती बताती हूँ..
हम अपने लिए सपने भी खुद देखते और राहें भी खुद चुनते हैं,
देखिए कितनी गजब आजादी है मेरी जो आप जैसे लोग बिना आग के जलते और भूनते हैं,
माना में देर रात तक जागती हूँ, पर किसी के कपड़ो से उसका चरित्र नहीं आंकती हूँ,
कभी भी अपने परिवार के  नहीं जाती खिलाफ हूँ,
गलती करने वालो को अक्सर कर देती माफ हूँ,
बात मेरी इज़्ज़त की हो तो खुलेआम लोगो की बदतमीज़ी को फाड़ती हूँ,
मैं कितना भी घूमूं, कैसे कभी रहूँ,पर किसी का 
हक़ नहीं मारती हूँ,
आप प्यार से बात कीजिये हम भी प्यार से पेश आएंग
मैं मेहनत से चाहती पाना सब कुछ चापलूसी के तरीके मुझको नहीं आएंगे,
आप स्वाभिमान गिरा कर देखिए मैं तरीके से उतारूंगी आपकी आरती,
मैं आज की लड़की हूँ, आप एहसान कीजिये मैं एक बार को एहसान उतार दूँगी आपका,
पर मैं उनमे से नहीं जो प्यार और दिल्लगी के नाम पर कपड़े रहूँ उतारती..
कपड़ो से चलता चरित्र का पता तौबा आप जैसा किसी को भरम न हो..
आज का जमाना जहाँ बस बदतमीज़ी होती लड़कियों के साथ मैं तो खुल के कहती हूँ खुद हमारी आंखों में प्यार हो पर शरम न हो..
बोल कर नहीं करते हम वादाखिलाफी हैं,
अच्छे हैं बुरे हैं जैसे भी हैं हम खुद के लिए काफी हैं।।

लोग जो कहते हैं कि देखो ये लड़की इतनी रात में घूम के आयी है.. इसके कपड़े तो देखो जैसे शर्म बेच खायी है,माँ बाप की इज़्ज़त का इसे कोई ध्यान नहीं है, ये तो गाली भी देती है भैया करती किसी का सम्मान नहीं है! लड़की - माना आप उम्र में मुझसे बड़े हैं, मुझसे ज्यादा तजुर्बा लिए खड़े हैं.. पर 2019 में आकर भी आपकी नियत खोटी है.. मेरे कपड़ो से ज्यादा शायद आपकी सोच छोटी है.. हाँ मैं देर रात भी घूमने जाती हूँ, मैं बेझिझक बोलती बताती हूँ.. हम अपने लिए सपने भी खुद देखते और राहें भी खुद चुनते हैं, देखिए कितनी गजब आजादी है मेरी जो आप जैसे लोग बिना आग के जलते और भूनते हैं, माना में देर रात तक जागती हूँ, पर किसी के कपड़ो से उसका चरित्र नहीं आंकती हूँ, कभी भी अपने परिवार के नहीं जाती खिलाफ हूँ, गलती करने वालो को अक्सर कर देती माफ हूँ, बात मेरी इज़्ज़त की हो तो खुलेआम लोगो की बदतमीज़ी को फाड़ती हूँ, मैं कितना भी घूमूं, कैसे कभी रहूँ,पर किसी का हक़ नहीं मारती हूँ, आप प्यार से बात कीजिये हम भी प्यार से पेश आएंग मैं मेहनत से चाहती पाना सब कुछ चापलूसी के तरीके मुझको नहीं आएंगे, आप स्वाभिमान गिरा कर देखिए मैं तरीके से उतारूंगी आपकी आरती, मैं आज की लड़की हूँ, आप एहसान कीजिये मैं एक बार को एहसान उतार दूँगी आपका, पर मैं उनमे से नहीं जो प्यार और दिल्लगी के नाम पर कपड़े रहूँ उतारती.. कपड़ो से चलता चरित्र का पता तौबा आप जैसा किसी को भरम न हो.. आज का जमाना जहाँ बस बदतमीज़ी होती लड़कियों के साथ मैं तो खुल के कहती हूँ खुद हमारी आंखों में प्यार हो पर शरम न हो.. बोल कर नहीं करते हम वादाखिलाफी हैं, अच्छे हैं बुरे हैं जैसे भी हैं हम खुद के लिए काफी हैं।।

लोग जो कहते हैं कि देखो ये लड़की इतनी रात में घूम के आयी है.. इसके कपड़े तो देखो जैसे शर्म बेच खायी है,माँ बाप की इज़्ज़त का इसे कोई ध्यान नहीं है, ये तो गाली भी देती है भैया करती किसी का सम्मान नहीं है!
लड़की -
माना आप उम्र में मुझसे बड़े हैं,
मुझसे ज्यादा तजुर्बा लिए खड़े हैं..
पर 2019 में आकर भी आपकी नियत खोटी है..
मेरे कपड़ो से ज्यादा शायद आपकी सोच छोटी है..
हाँ मैं देर रात भी घूमने जाती हूँ,
मैं बेझिझक बोलती बताती हूँ..

People who shared love close

More like this

Trending Topic