सूरज और बादल दोनों ही चाहिए मुझे, ना सूरज की रौशनी | हिंदी Shayari

"सूरज और बादल दोनों ही चाहिए मुझे, ना सूरज की रौशनी इतनी की तपिश मुझे जलाने लगे। ना बादल की छाया इतनी की सीलन मुझमें आने लगे। ©Nishat Hashmi"

 सूरज और बादल दोनों ही चाहिए मुझे,
ना सूरज की रौशनी इतनी की तपिश मुझे जलाने लगे।
ना बादल की छाया इतनी की सीलन मुझमें आने लगे।

©Nishat Hashmi

सूरज और बादल दोनों ही चाहिए मुझे, ना सूरज की रौशनी इतनी की तपिश मुझे जलाने लगे। ना बादल की छाया इतनी की सीलन मुझमें आने लगे। ©Nishat Hashmi

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