Beautiful Moon Night क्यों खुद से निराश हो तुम
खुद से रूठे या खुदा से तुम
खुद के अंदर बैठ सहज तुम
हर दिन जंग ऐ,मन से क्यों
मन की बक- बक से निकल कर
ऐलान करो जंग मन से तुम
बाहर कुछ भी है कहां
हर दिन लड़ते मन से तुम
फ़र्क कहां दुनियां को पड़ता
तेरे मरने पर भी हंस लेंगे
तुझमें खामियां कुछ नहीं है
कुछ तो खामियां निकाल ही लेंगे
ऐ जंग नहीं तेरा दुनियां से है
सब जंग है तेरे मन के अंदर
ऐ दुनियां कुछ भी नहीं कहेगा
ऐ जंग तुम्हारा खुद से है
क्यों खुद से निराश हो तुम
©Pawan Munda
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