मुझको क़दम बढ़ाने दो मम्मी किसी बात की ना रहे मुझमें | हिंदी Shayari

"मुझको क़दम बढ़ाने दो मम्मी किसी बात की ना रहे मुझमें कमी हमेसा लोग मुझे रायगा कहते हैं क्या तुम्हें ये बात नहीं खल रही। ©Ramjaane Solanki"

 मुझको क़दम बढ़ाने दो मम्मी
किसी बात की ना रहे मुझमें कमी

हमेसा लोग मुझे रायगा कहते हैं
क्या तुम्हें ये बात नहीं खल रही।

©Ramjaane Solanki

मुझको क़दम बढ़ाने दो मम्मी किसी बात की ना रहे मुझमें कमी हमेसा लोग मुझे रायगा कहते हैं क्या तुम्हें ये बात नहीं खल रही। ©Ramjaane Solanki

#क़दम

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