" एक गुप्त विधा
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हे परमतत्व अंश समस्त ब्रह्माण्ड में ही सिर्फ
एक गुप्त विद्या के संचालन से हो रहा है।
इस विधि को जानने का मुल तत्व इतिहास और इसमें
प्रथम श्रवण विधा का महत्वपूर्ण योगदान भी रहता है।
जैसे कि एक खाली गिलास को रखकर वापिस उठाने
जमीन से एक विशेष ऊर्जा का प्रयोग होता है।
इस आधुनिक विधि में बिना छुए
अपने आप उठा नहीं सकते ।
यही तो एक शक्ति क़माल होता है।
जब हमें स्वयं ही गिलास ऊठाने में।।
इसी प्रकार हमें ब्रह्माण्ड भी एक खाली गिलास की
तरह ही जानना चाहिए।।
एक सुर्य गिलास की तलहटी ही समझा जाना चाहिए।
और समस्त ब्रह्माण्ड भी एक उत्पन्न एक के
एक बाद मणियों तरह गुंथा हुआं हैं।
और यह त्रिगुणात्मक स्वरूप सभी लोकों के साथ सुर्य से शुरू होता है।
और आप तक भी पहुंचा हुएं हैं।
©GRHC~TECH~TRICKS( मैं भगवान श्री कृष्ण हूं शत् प्रतिशत)
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