White लालच कुछ पाने का भाईचारा याद दिलाता है, जब | हिंदी Poetry Video

"White लालच कुछ पाने का भाईचारा याद दिलाता है, जब बात आ जाए अपनी पर तब भाईचारा अपनी असल औकात दिखा जाता है, कौन-सी बात कहाँ, कैसे कही जाती है ये सलीक़ा हो, तो हर बात सुनी जाती है जैसा चाहा था तुझे, देख न पाये दुनिया दिल में बस एक ये हसरत ही रही जाती है एक बिगड़ी हुई औलाद भला क्या जाने कैसे माँ-बाप के होंठों से हँसी जाती है कर्ज़ का बोझ उठाये हुए चलने का अज़ाब जैसे सर पर कोई दीवार गिरी जाती है अपनी पहचान मिटा देना हो जैसे सब कुछ जो नदी है वो समंदर से मिली जाती है पूछना है तो ग़ज़ल वालों से पूछो जाकर कैसे हर बात सलीक़े से कही जाती है वसीम की कलम से। ©Aditi Chouhan "

White लालच कुछ पाने का भाईचारा याद दिलाता है, जब बात आ जाए अपनी पर तब भाईचारा अपनी असल औकात दिखा जाता है, कौन-सी बात कहाँ, कैसे कही जाती है ये सलीक़ा हो, तो हर बात सुनी जाती है जैसा चाहा था तुझे, देख न पाये दुनिया दिल में बस एक ये हसरत ही रही जाती है एक बिगड़ी हुई औलाद भला क्या जाने कैसे माँ-बाप के होंठों से हँसी जाती है कर्ज़ का बोझ उठाये हुए चलने का अज़ाब जैसे सर पर कोई दीवार गिरी जाती है अपनी पहचान मिटा देना हो जैसे सब कुछ जो नदी है वो समंदर से मिली जाती है पूछना है तो ग़ज़ल वालों से पूछो जाकर कैसे हर बात सलीक़े से कही जाती है वसीम की कलम से। ©Aditi Chouhan

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