White जैन धर्म के संस्थापक 24 वें तीर्थंकर महावीर। | हिंदी कविता Video

"White जैन धर्म के संस्थापक 24 वें तीर्थंकर महावीर। 30 वर्ष में घर छोड़ा, मोह त्यागा, बने कर्मवीर।। इंद्रिय काबू की अपने तन मन को बनाया मंदिर। ईश्वरी शक्ति प्राप्त हुआ, बताया नश्वर है शरीर।। वस्त्र त्यागा क्योंकि नग्न पृथ्वी में वस्त्र तो है जंजीर? संतों को स्नान करने की अनुमति नहीं न पहनते चीर।। अहिंसा,सत्य,अस्तेय ,ब्रह्मचर्य,अपरिग्रह, से बने गंभीर। सिंह बना निशानी,भेद मिटाया बहाया भाईचारे का नीर।। 599 ई० पूर्व जन्म हुआ,42 वर्ष की आयु में बने जैन धर्म के पीर। किसी भी जीवन को नुकसान पहुंचाना पाप है,न बहे रुधिर।। प्रेम,सत्य,अहिंसा से इस धारा को सजाएं। महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।। ©Dr Wasim Raja "

White जैन धर्म के संस्थापक 24 वें तीर्थंकर महावीर। 30 वर्ष में घर छोड़ा, मोह त्यागा, बने कर्मवीर।। इंद्रिय काबू की अपने तन मन को बनाया मंदिर। ईश्वरी शक्ति प्राप्त हुआ, बताया नश्वर है शरीर।। वस्त्र त्यागा क्योंकि नग्न पृथ्वी में वस्त्र तो है जंजीर? संतों को स्नान करने की अनुमति नहीं न पहनते चीर।। अहिंसा,सत्य,अस्तेय ,ब्रह्मचर्य,अपरिग्रह, से बने गंभीर। सिंह बना निशानी,भेद मिटाया बहाया भाईचारे का नीर।। 599 ई० पूर्व जन्म हुआ,42 वर्ष की आयु में बने जैन धर्म के पीर। किसी भी जीवन को नुकसान पहुंचाना पाप है,न बहे रुधिर।। प्रेम,सत्य,अहिंसा से इस धारा को सजाएं। महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।। ©Dr Wasim Raja

महावीर जयंती पर समर्पित

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