White दुनिया में ग़म बेहिसाब मिले
बेजान से कितने ख्वाब मिले
रहने दो वो थे नही हमारे
मगर खाने को ठोकर बेहिसाब मिले
गर मिला भी बहारों का चमन
तो काँटों से लिपटे गुलाब मिले
रोज़ धड़कती हुई दास्तान मिली
जहाँ मिले दिल-ए-बेताब मिले
सहते हुए इक ज़माना गुज़ारा
जो हमसफ़र मिले बेवफा मिले
विनय पंवार 🎻🎸
©vinay panwar
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🙏🏻 जय श्री कृष्णा 🙏━━♡━━ ❥ ❥