हजारों ख्वाहिशें हैं तमाम परेशानियों के बीच,
निकलना हैं हमें अपनी मजबूत आशाओं को सींच,
हां जानती हूं मुश्किल है थोड़ा रेत का घर बनाना
पर फिर भी डटी रहना चाहती हूं लहरों के बीच...
mansi Tiwari Manu
©Mansi Tiwari Tiwari
हजारों ख्वाहिशें हैं तमाम परेशानियों के बीच,
निकलना हैं हमें अपनी मजबूत आशाओं को सींच,
हां जानती हूं मुश्किल है थोड़ा रेत का घर बनाना
पर फिर भी डटी रहना चाहती हूं लहरों के बीच...